Observer Creates Reality
अगर 10 अलग-अलग Observer हों, तो उनकी दुनिया कैसी होगी? यह प्रश्न न केवल गूढ़ है, बल्कि आत्मबोध और ब्रह्मांड की सच्चाई को भी उजागर करता है। हर प्राणी एक Observer है — एक द्रष्टा, जो अपनी चेतना के स्तर के अनुसार दुनिया को देखता, अनुभव करता और गढ़ता है। 🔭 1. क्वांटम सिद्धांत – "Observer Creates Reality" “Observation is not a passive act – it collapses possibilities into one reality.” क्वांटम भौतिकी बताती है कि जब तक कोई Observer नहीं देखता, कोई भी कण संभावनाओं की अवस्था में रहता है। देखने वाला ही संभावनाओं को ठोस वास्तविकता में बदलता है। इसका मतलब है कि हर व्यक्ति अपनी ही दुनिया को रोज़ बनाता है, चाहे वह जाने या ना जाने। 🧘♂️ 2. वेदांत – "जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि" “मन एव मनुष्याणां कारणं बंधमोक्षयोः।” – योगवशिष्ठ संसार ब्रह्म की चेतना है, लेकिन हम उसे अपनी चेतना के फ़िल्टर से देखते हैं। मनुष्य जो कुछ बाहर देखता है, वह उसके भीतर की अवस्था का प्रतिबिंब है। “द्रष्टा ही द्रश्य की सीमा निर्धारित करता है।”...